सहमति से लंबे समय तक चले संबंध को बलात्कार नहीं माना जा सकता
-इलाहाबाद हाइकोर्ट का फैसला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बलात्कार और जबरन वसूली के आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। यह रेखांकित करते हुए कि 12 साल से अधिक समय तक चलने वाले सहमति से बने रिश्ते को केवल शादी करने के वादे के उल्लंघन के आधार पर बलात्कार नहीं माना जा सकता। न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने यह फैसला सुनाया, जिसमें सहमति की कानूनी व्याख्या और झूठे बहाने के तहत यौन शोषण के आरोपों पर दीर्घकालिक संबंधों के प्रभाव पर महत्वपूर्ण स्पष्टता प्रदान की गई। यह निर्णय भारतीय कानून में सहमति से यौन संबंध और बलात्कार के बीच अंतर को परिभाषित करने में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।