शाहजहांपुर । ओसीएफ रामलीला मेला में गुरुवार को कई प्रसंगों का भावपूर्ण मंचन किया गया। मंचन में दर्शाया गया कि हनुमानजी माता सीता का पता लगाकर व माता से मिलकर उनकी चूड़ामणि लाते हैं। वह माता की चूड़ामणि प्रभु श्री राम को सौपते हैं और प्रभु श्री राम को बताते हैं कि माता हर समय आपका स्मरण करती रहती हैं। माता सीता ने यह संदेश दिया है कि आप रावण के पास से उनको अपने साथ ले जाएं, अन्यथा वह अपने प्राण त्याग देंगी।
उधर, रावण व्याकुल होकर सोचता है कि मेरी सोने की लंका भी जल चुकी है खर -दूषण, अक्षय कुमार का भी बध हो गया है। लगता है नारायण ने अवतार ले लिया है। रावण का भाई कुंभकरण एकांतवास में चला जाता है। रावण का छोटा भाई विभीषण रावण को समझाता है कि माता सीता को प्रभु श्री राम को सम्मान सहित लौटा दे और उनसे क्षमा मांग ले। वह तुम्हें माफ कर देंगे। विभीषण की बातें सुनकर रावण का क्रोध आ जाता है। रावण भरे दरबार में विभीषण को दुश्मन की प्रशंसा करने के लिए अपनी सभा से लात मारकर लंका से देश निकाला दे देता है। और अपनी सेना के सुख और सारग को विभीषण के पीछे भेज देता है।
इधर विभीषण लंका से निकलकर प्रभु श्री राम की शरण में चले जाते हैं। उन्हें हनुमान जी मिल जाते हैं। श्रीराम के पास ले जाते हैं। विभीषण को सम्मान सहित अपनी सेना में शामिल कर लेते हैं।इसके बाद प्रभु श्रीराम समुद्र देव से प्रार्थना करते हैं कि वह सेतु बनाने के लिए उन्हें मार्ग में ताकि वह लंका पर चढ़ाई कर सकें। समुंद्र देव नहीं सुनते हैं। प्रभु श्री राम को क्रोध आता है। वह अपने धनुष बाण चढ़ाकर समुद्र को सुखा देने को कहते हैं, तभी समुद्र प्रकट हो जाते हैं। क्षमा मांगते हैं और कहते हैं प्रभु चढ़ा हुआ बांध आप उत्तर दिशा में छोड़े। आपकी सेना में नल और नाम के दो योद्धा है यदि वे अपने हाथ से पत्थर पानी में डालेंगे तो पत्थर तैरेंगे। प्रभु श्री राम ऐसा ही करते हैं और श्री रामेश्वरम की स्थापना कर शिव का आशीर्वाद लेकर सेतु का निर्माण कार्य आरंभ कर देते हैं। सेतु बना देते हैं ।
इस मौके पर मंचन सचिव देवेश दिक्षित, संयुक्त सचिव एवं निर्देशक अंकित सक्सेना, सहायक निदेशक सुहेल मोहम्मद , प्रभारी महेंद्र दीक्षित , पर्यवेक्षक सुरक्षा राम मोहन अग्निहोत्री , मंचन मीडिया प्रभारी रोहित सक्सेना , मंच संचालक सतीश सक्सेना , आदि लोग उपस्थित रहे ।
आज के मंचन में राम रोहित सक्सेना , लक्ष्मण देवेंद्र पाल, हनुमान मोहित कन्नौजिया , सीता रानी मिश्रा, रावण अंकित सक्सेना, मंदोदरी शिवी , कुंभकरण लक्ष्मण मिश्रा, विभीषण अरशद आजाद, मेघनाथ कौशलेंद्र पांडे, समुद्र देव प्रिंस , सुग्रीव सुभाष, अंगद अंकित , केसश्री शुभम सक्सेना, नल अवनीश , जामवंत अजीत सुखे शोभित पांडे , नील अर्जुन वर्मा , महामंत्री संदीप आर्य, दुर्मुख अरविंद वर्मा, महापर्षाप मोहित बाजपेई, सुख बटेश्वर, सारंग अनमोल, राजकुमार जय सिंह , वज्र दांत भुवनेश्वर प्रताप , अमात्य मनोज कश्यप एवं शिवकुमार , अरविंद कुमार, प्रमोद सक्सेना , पीयूष राणा, अभय कश्यप आदि लोग मंच पर नजर आए ।