0मंच का विस्तार, पिछलग्गू की भरमार
0फोटू खीचूँ ज़्यादा, भक्ति भाव वाले कम
शाहजहांपुर। महानगर में रावण वध के बाद निकलने वाली राजगद्दी और फिर चौक में होने वाले भरत मिलाप का शहरवासियों को साल भर इंतज़ार रहता है। इस बार भी भव्यता के साथ राजगद्दी शोभायात्रा निकाली गई। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जिस रथ पर प्रभु श्रीराम के स्वरूप विराजमान थे उसको खींचा… तब शोभायात्रा गंतव्य को चली।
शोभायात्रा में लिल्ली घोड़ी, हाथी, रथ, बैंडबाजे, डीजे सब था। गौर करने वाली बात है कि रामलीला कमेटी में 100 से ऊपर सदस्य व पदाधिकारी हैं..लेकिन मंत्री जी के जाने के बाद वो कोई चेहरा नहीं दिखा जो शुरू में रथ खींचते वक्त आसपास ही भिनभिनाता नज़र आता है। बाबा विश्वनाथ मंदिर तक तो चर्चित चेहरे नज़र आए.. रात में रथ खींचने वाले एक न दिखे…मंचन करने वाले ही जुटे नजर आए। तीन किश्तों में राजगद्दी अयोध्य्या यानि चौक आई। इस बार चौक को विशेष रूप से सजाया गया था। विजय टंडन व धीरू खन्ना ने भरत मिलाप स्थल पर बड़ा मंच तैयार करने व सजावट की रूपरेखा तैयार की थी। श्रीराम जानकी मंदिर के समक्ष भरत मिलाप होता है। तो तहां इस बार तैयारियां कुछ अलग थीं। बड़ा मंच, माइक-स्पीकर, सजावट।
रात में अंतर्ध्यान हो चुके बड़े, मंझोले, छोटे नेता-पदाधिकारी सुबह मंत्री जी के आने से पहले ही मिलाप स्थल पर पहुँच गए। मंच पर ही डट गए। मंच पर अधिक भीड़ हो जाने के कारण भरत मिलाप जैसा कारुणिक दृश्य पुरवासी देख नहीं पाए। सब मंच पर लदे अनावश्यक लोगों की मलानत करते दिखे। अच्छा होता कि कमेटी के कुछ लोगों की इलाक़े के हिसाब से जिम्मेदारी तय कर दी जाती कि यहां से यहां तक रथ खींचने व शोभायात्रा का दायित्व इनका है। भरत मिलाप के समय भी मंच पर भी सिर्फ़ स्वरूप होते…आरती भी अंदर की जाती,वतो इसकी सार्थकता और सिद्ध होती।
श्रीराम जानकी मंदिर में मिलाप के बाद स्वरूपों की आरती उतारकर भोग लगाया गया। पुजारी सुशील अवस्थी ने प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, डॉ सुरेश मिश्रा, वीरेंद्र पाल सिंह यादव, विनोद अग्रवाल, सुरेंद्र वाल्मीकि, वेदप्रकाश मौर्य, राकेश मेहरोत्रा, प्रदीप मेहरोत्रा, मनोज शर्मा गोपाल, संजय वर्मा, कपिल सिंह, सुरेंद्र सेठ, राजीव खन्ना, सुशील सक्सेना, ओम बाबू, अंकुर कटियार, पुनीत मिश्रा, राममोहन वर्मा, सुधीर गुप्ता, दिवाकर मिश्रा, नीरज वाजपेयी, वर्षा अवस्थी, अजीत सिंह, श्याम बाबू दीक्षित, अखिल टण्डन, रजत खन्ना, अनिल शर्मा आदि मौजूद रहे।