यूपी के शाहजहांपुर में सरकारी राशन की दुकानों से मिलने वाले गेहूं में मिट्टी मिली होने के मामले में पहली जांच में दोषी पाए गए तीन निरीक्षक को निलंबित किया गया।
डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर इसकी संस्तुति की थी।
शासन की टीम ने एफसीआई के गोदाम पहुंचकर जांच भी की। नौ अक्तूबर को दौलतपुर गांव पहुंचे डीएम से लोगों ने मिट्टी मिला गेहूं मिलने की शिकायत की थी। डीएम ने जांच कराई तो पता चला कि आठ कोटेदारों के यहां गेहूं बांटा भी जा चुका है। इसमें प्रेषण प्रभारी विपणन निरीक्षक रामकृष्ण दुबे, रविकांत मिश्रा व मोहित कुमा दोषी पाए गए। गुणवत्ता की जांच की जिम्मेदारी इन्हीं की है। एफसीआई प्रबंधक गुणवत्ता नियंत्रण विशाल शर्मा, तकनीकी सहायक- प्रथम पूनम व हरिकांत पर भी अनदेखी का आरोप है। इन पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।