‘पति को किन्नर कहना अपराध’


चंडीगढ़। एक महिला की सुनवाई पर हाइकोर्ट ने कहा कि पति को किन्नर कहकर बुलाना मानसिक क्रूरता है।

पंजाब एवं हरियाण हाइकोर्ट परिवार अदालत के पति के तलाक देने की अनुमति देने वाले फैसले को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की। जस्टिस सुधीर सिंह व जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की पीठ जुलाई में दिए परिवार आदालत के खिलाफ महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

खंडपीठ ने महिला की अपील खारिज करते हुए कहा, यदि पारिवारिक अदालत के निष्कर्षों को सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के साथ देखा जाए तो अपीलकर्ता-पत्नी के कृत्य आचरण क्रूरता के बराबर हैं। पीठ ने कहा, इसमें सबसे पहले पति को हिजड़ा कहना और उसकी मां से यह कहना कि उन्होंने हिजड़े को जन्म दिया है.. मानसिक क्रूरता है। खंडपीठ ने कहा कि पारिवारिक अदालत के फैसले में कोई गलती नहीं है।

दोनों पक्ष पिछले छह वर्षों से अलग रह रहे हैं और उनके आचरण को ध्यान में रखते हुए पारिवारिक अदालत ने सही पाया कि उनका विवाह इतना टूट चुका है कि अब सुधार की गुंजाइश नहीं है। यह शादी अब एक मृतप्राय जंगल बन चुकी है।