शाहजहांपुर। आयुष चिकित्सकों,योग विज्ञान संस्थान और संकल्प के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय जीवन विज्ञान “आयुर्वेद” के प्रणेता भगवान धन्वन्तरि का प्राकट्य दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर विधि-विधान से हवन,पूजन कर सभी के आरोग्य की कामना के लिए भगवान धन्वन्तरि से प्रार्थना की और प्रसाद का भोग लगाया।
वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डा.अवधेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि आयुर्वेद सर्वांगीण स्वास्थ्य और संतुलित अनुशासित जीवन शैली का पर्याय है।उन्होंने कहा कि जीवन की जटिलताओं को सुलझाने में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
नीमा के अध्यक्ष डा.के.डी.सिंह ने कहा कि आयुर्वेद के सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं,जितने हजारों वर्ष पूर्व थे। बेहतर स्वास्थ्य और अध्यात्म का मर्म छिपा होने के कारण ही आज सम्पूर्ण विश्व आयुर्वेद को अपना रहा है।
इससे पहले श्री दैवी सम्पद् संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. करुणा शंकर त्रिपाठी, आचार्य डा.सतेन्द्र पाठक, पं.हरि मोहन झा, पं.करुणाकान्त मिश्र, पं.श्रीमोहन दीक्षित ने सस्वर मन्त्रोच्चारण के साथ हवन-पूजन सम्पन्न कराया।
इस अवसर पर डा.हर चरन सिंह दुआ,डा.एस.के.मिश्रा,डा.इन्दू अजनबी,डा.आर.पी.सक्सेना,डा.राजीव वर्मा,,डा.हरीश सचदेवा,डा.रोहित वर्मा,जी. सी.मिश्रा, नरेश चन्द्र त्यागी, डा.राजेन्द्र कुशवाहा, राकेश मिश्रा एड.,प्रवीण मिश्रा,डा.हेमेंद्र वर्मा, ललित गर्ग, ओम नारायण सक्सेना,गीता पाण्डेय, शालू यादव, सुमित शुक्ला,रचना चांदना,मनमोहन त्रिपाठी,राजेश दीक्षित एड.,अरुण दीक्षित एड.,दुर्गेश मिश्रा एड.,संजीव सक्सेना, डा.के.के.शुक्ला,राम जी गुप्ता,राजीव सक्सेना,तेजवीर गुप्ता,करुणेश अवस्थी एड.,ओंकार मनीषी,सुभाष अवस्थी, अनुष्का,अदित्रि,शिवांशु, श्रेयांश,मुकेश राठौर आदि उपस्थित थे।