आचार्य विशुद्धानंद मिश्र की कृति वेदार्थ कल्पद्रुम संस्कृत का अद्भुत ग्रंथ: स्वतंत्र

बदायूं। संस्कृत के प्रकांड विद्वान पूर्व कुलपति आचार्य विशुद्धानंद मिश्र का जन्म शताब्दी समारोह रविवार को पार्वती आर्य कन्या इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता राज्य सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश गुप्त ने कहा कि आचार्य विशुद्धानंद मिश्र के सानिध्य में जो ज्ञान बोध मिला, वह आज भी जीवनपथ आलोकित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आचार्य ने वेदार्थ कल्पद्रुम जैसे संस्कृत के उत्कृष्ट ग्रंथ की रचना कर संस्कृत के विद्वानों को आश्चर्यचकित कर दिया। इस ग्रंथ की रचना पर उन्हें राज्य और देश स्तर पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रेमस्वरूप पाठक ने कहा कि आचार्य विशुद्धानंद संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे। उन्होंने कई पुस्तकों की रचना की। राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से सम्मान प्राप्त कर आचार्य ने देश स्तर पर बदायूं को गौरवान्वित किया।
इस अवसर पर डॉ. महेशदत्त शर्मा की संस्कृत भाषा में लिखी गई पुस्तक का ओएनजीसी के पूर्व अधिशासी निदेशक वेदव्रत मिश्र, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र और भाजपा महिला मोर्चा की क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनी मिश्रा ने विमोचन किया।
इस मौके पर डॉ. रामबहादुर व्यथित, कामेश पाठक, गजलकार नरेंद्र गरल, डॉ. महेश मित्र, डॉ. अक्षत अशेष, अमन मयंक शर्मा ने काव्यपाठ किया। सभी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया।
इसके अलावा आचार्य राधेश्याम अवस्थी, संत भगवान सिंह, अमित पाठक, सचिन भारद्वाज, विवेक खुराना, सर्वेश पाठक, मोहम्मद खिजर अहमद, अमिता आलोक, डॉ. शुभ्रा माहेश्वरी, डॉ. निशि अवस्थी, मधु राकेश को भी सम्मानित किया गया। संचालन कवि पवन शंखधार ने किया। अंत में कार्यक्रम आयोजक डॉ. प्रतिभा मिश्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया।