यूपी के शाहजहांपुर में एक प्राइवेट स्कूल के डायरेक्टर डॉ जसमीत साहनी ने प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबों की बिक्री के खेल को उजागर करने का बीड़ा उठाया है। उनके अनुसार, ये मामला हर साल 55,000 करोड़ रुपए का है, जो साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। जिसमें प्राइवेट स्कूल करते हैं 20% से लेकर 60% तक की अंधी कमाई।
उन्होंने अपनी नई प्रकाशित पुस्तक “प्राइवेट स्कूल बुक करप्शन” में इस काले सिस्टम के खोले हैं कई राज़। इस पुस्तक में न सिर्फ इस ज्वलंत मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया है बल्कि इस भ्रष्टाचार के खात्मे का एक अनोखा फॉर्मूला भी दिया गया है। यह पुस्तक राष्ट्रीय स्तर पर इस भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू होने वाली एक मुहिम का पहला कदम है। यह पुस्तक “प्राइवेट स्कूल बुक करप्शन” अमेजॉन पर उपलब्ध है।
डॉ साहनी द्वारा विभिन्न विभागों को भेजे गए 50 से ज्यादा आरटीआई सवाल फाइल करने के बाद उनसे मिले जवाबों के आधार पर उन्होंने तैयार किया अपना रिसर्च पेपर जो इस पुस्तक के रूप में प्रकाशित हो चुका है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण आरटीआई जवाबों को सम्मिलित किया गया है।
साहनी इस पुस्तक और इस भ्रष्टाचार से संबंधित ड्राफ्ट को लेकर राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण हस्तियों से मुलाकात करके इस भ्रष्टाचार को खत्म करने का समाधान बताएंगे। इस मुहिम की शुरुआत वह सुप्रीम कोर्ट में PIL फाइल करने से करेंगे।