बसंत से पहले ही दिखा ‘आख़िरी बसन्त’

बेहतरीन प्रस्तुति का भवन बना गाँधी भवन
# महापौर व नगर आयुक्त ने किया शुभारम्भ
# डॉ इन्दु अजनबी ने किया संचालन
शाहजहांपुर। महानगर में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी लखनऊ द्वारा ज़िला प्रशासन व मन्थन आर्ट सोसायटी के सहयोग से चल रहे सम्भागीय नाट्य समारोह का द्वितीय दिवस लखनऊ की नाट्य संस्था दर्पण के शुभदीप राहा द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक ‘आख़िरी बसन्त’ की अविस्मरणीय प्रस्तुति के नाम रहा। मुख्य आकर्षण रहा तमाम बेब सीरिज़ व टीवी सीरीयल्स का बड़ा नाम डॉ अनिल रस्तोगी का मंच पर अभिनय।
समारोह का शुभारम्भ नगर निगम की महापौर अर्चना वर्मा व नगर आयुक्त डॉ बिपिन कुमार मिश्र ने दीप प्रज्वलन कर किया। प्रस्तुत नाटक एक बुजुर्ग दम्पति सुधीर और गीता के साथ शुरू होता है जो अपने बेटे रणदीप के साथ अपने झगड़े को निपटाने की कोशिश कर रहे हैं जो कनाडा में बस गया है और वन्दना से शादी की है। पाँच साल पहले बेटे से सम्पत्ति को लेकर झगड़ा हुआ था। सुधीर और गीता किसी तरह रणदीप और वन्दना को वापस भारत में अपने घर ले आने का प्रबंध करते है लेकिन एक जेल से भागे अपराधी राधू ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया और अफ़रातफ़री के बीच मूल सच्चाई सामने आती है जो अटूट मानव बन्धन और सम्बन्ध प्राप्ति की ओर जाती है। इसी विषय वस्तु पर आधारित नाटक ने न सिर्फ़ दर्शकों को अंत तक बाँधे रखा वहीं खूब तालियों का उपहार प्राप्त किया। प्रस्तुति देखकर हर दर्शक को यह लगा जैसे दूरदर्शन के स्वर्णिम दौर के किसी अनूठे सीरियल को देख रहे हों।
कलाकारों में डॉ अनिल रस्तोगी, चित्रा मोहन, अलका विवेक, विकास श्रीवास्तव, संजय डेगलुकर व वंश श्रीवास्तव ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी और खूब तालियाँ बटोरीं। मुख्य अतिथि महापौर अर्चना वर्मा, नगर आयुक्त डॉ बिपिन कुमार मिश्र, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की नाट्य अधिकारी शैलजा कान्त ने दर्पण संस्था के सचिव डॉ अनिल रस्तोगी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
मंच परे सुमित श्रीवास्तव, मधुसूदन, नन्दकिशोर, रोज़ी दुबे, संध्या दीप, मनोज वर्मा, देवाशीष मिश्रा, विवेक श्रीवास्तव, राधेश्याम सोनी, विद्या सागर गुप्त का विशेष सहयोग रहा।
कवि डॉ इन्दु अजनबी के संचालन में सम्पन्न हुई प्रस्तुति में प्रमुख रूप से डॉ आनन्द प्रकाश मिश्र, नलिनी मिश्रा, ज़रीफ़ मलिक आनन्द, कृष्णकुमार श्रीवास्तव, मोहित कन्नौजिया, पारस दीक्षित, अभिशान्त पाठक, राजभूषण जौहरी, शमीम आज़ाद, मनोज मंजुल, शशिभूषण जौहरी, शिमला सक्सेना, आलोक सक्सेना, सरिता बाजपेयी, अरविन्द चोला, शिवम् श्रीवास्तव, मनीष मुनि, डॉ राजीव सिंह, अतीक़ अहमद, सोनू सक्सेना समेत काफ़ी संख्या में रंगप्रेमी उपस्थित रहे। अंत में आभार मन्थन आर्ट सोसायटी के अध्यक्ष शिवा सक्सेना द्वारा व्यक्त किया गया। यह समारोह 24 जनवरी तक नियमित चलेगा तथा हर शाम दर्शक विभिन्न नाट्य प्रस्तुतियों का आनन्द ले सकेंगे।