‘मौनी’ स्नान की लालसा में ‘मौन’ हुए लाचार तीर्थयात्री


#संगम तट/प्रयागराज। घर से बड़े उल्लास के साथ निकले थे कि मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में अमृत स्नान करेंगे। इसके लिए कई किलोमीटर तक सामान सिर पर रख पैदल चले। रात में भी खुले आसमान के नीचे डेरा जमा दिया। ठंडी रेत पर पड़ी ओस से भीगी पुआल पर पन्नी बिछाकर कंबल ओढ़ लिया। बस, इस लालसा में कि सुबह जल्द उठकर स्नान-ध्यान-दान कर यहां से निकल जाएंगे।इनमें ज्यादातर बुजुर्ग महिलाएं व प्रौढ़ लोग थे। उनको क्या पता था कि आज संगम तट पर खा-पीकर थोड़ी कमर सीधे करने को जहां बिछोना बिछाएंगे वहां से कभी उठ नहीं पाएंगे! जिस ‘मौनी अमावस्या’ को पुण्य की लालसा पालकर यहां तक आएं हैं तो सदा के लिए ही ‘मौन’ हो जाएंगे!
जिन लोगों ने ये नज़ारा देखा, वह बताते हैं भीड़ अधिक थी। पर ऐसा नहीं लग रहा था कोई हादसा हो जाएगा। लेकिन देर रात पुलिस ने अखाड़े के साधुओं के लिए अमृत स्नान की व्यवस्था करने को जो क़वायद शुरू की..बस यही से गड़बड़ शुरू हो गई। भीड़ को बेरिकेड्स के लिए हटाया तो सोते लोगों के ऊपर लोग गिरे..फ़िर भगदड़ सी मची, जब तक कोई कुछ समझ पाता रेला सोते लोगों को रेलता चला गया। दम घुटने से अशक्त लोग उठ ही नहीं पाए। पुलिस भी इतनीं नहीं थी कि लोगों को रौंद रही भीड़ को रोक पाती। जब तक फ़ोर्स एक्टिव हुई…लाचार लोग प्राण गवां चुके थे। एनएसजी आई उसने तट खाली कराया। पुलिस ने मानव दीवार बनाकर भीड़ को बाहर निकाला। तीन घन्टे की मशक्कत के बाद हालात सामान्य हुए। तब तक लगभग बीस लोग काल कलवित हो चुके थे। पचास से अधिक अस्पताल में थे।
दोपहर बारह बजे जब उस स्थान पर देखा गया तो अपार भीड़ थी। लोगों के उत्साह को देखकर ये नहीं लग रहा था कि कुछ घन्टे पहले यहां इतना बड़ा हादसा यहीं हुआ था। पर, यहां का मंजर हालात को बयां कर रहा था। बिखरे पड़े कपड़े, हजारों जूते-चप्पल, एक किनारे एकत्र किया गया वो सामान जो भगदड़ में छूट गया। ह्रदय को झकझोरने वाला एक दृश्य भी दिखा कि बिखरे सामान के बीच एक व्हीलचेयर भी थी..उस पर कुछ पूड़ियाँ पॉलीथिन में बंधी थीं। शायद किसी विकलांग को लेकर आए होंगे..स्नान के बाद खाने के लिए पोटली उसी की व्हीलचेयर से बांध दी होगी…पर काल की गति ने ऐसा होने नहीं दिया..अमृत स्नान की लालसा उनको मोक्ष प्रदान कर गई। प्रशासन ने अभी तक अधिकृत आंकड़ा जारी नहीं किया है..मीडिया रिपोर्ट्स भी अलग अलग आंकड़े बता रही हैं। पब्लिक कुछ अलग बता रही है। जबकि अस्पताल प्रशासन की मानें तो 17 शव आए। कुछ परिजन घायल समझकर अन्य अस्पताल ले गए हैं। सरकार ने मुआवजे का ऐलान नहीं किया है।
#बलराम शर्मा