जीएसटी की जटिलता..दरें कर रहीं व्यापारी को प्रभावित…


जबसे जीएसटी आई है..व्यापार में जटिलता आ गई है। हर माह नक्शे दाख़िल करना.. अगर कोई व्यापारी कम पढ़ा लिखा है, तो उसका दोहन अशिकारी व सीए करते हैं। अभी हाल में आगरा के एक जूता व्यापारी ने जीएसटी की जटिलता से चढ़ते कर्ज के कारण ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। जीएसटी की दरें 28 प्रतिशत तक हैं.. खाने पीने ही नहीं कफ़न तक पर gst लागू है। इसका प्रोसेस इतना जटिल है कि व्यापारी परेशान हो जाता है। अधिकारी पर टार्गेट का टेंशन है…वह अलग दबाब में रहते हैं। नोएडा के एक बड़े अधिकारी ने कैंसर को तो मात दे दी, लेकिन अपने सिस्टम से नहीं लड़ पाए। मानसिक रूप से ज़्यादा परेशान हुए तो 15 मंजिल से कूदकर जान दे दी। सरकार हर महीने कई लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह करके झोली भर लेती है..व्यापारी को सालों रिटर्न नहीं मिलता। अगर नक्शा दाख़िल करने या बिल समिट करने में देरी हो जाए.. तो जुर्माना इतना कि होश फ़ाख्ता हो जाएं.. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसको गब्बर सिंह टैक्स करार दे चुके हैं। है भी..क्योंकि सुनवाई बड़ी जटिल है। अगर साइट सिस्टम साथ नहीं दे रहा..आपने अपना सिजरा दाख़िल नहीं किया …तो हो जाओ जुर्माना देने को तैयार… व्यापारी ही नहीं अधिकारी भी परेशान है…पर आवाज़ नक्कार खाने में तूती जैसी है…बड़े व्यापारी तो अकाउंटेंट से लेकर अधिकारी तक को टच में रखते हैं…दिक्कत आम व्यापारी को आती है…सरकार को जटिलता को दूर कर दरें भी कम करनी चाहिए..ऐसा व्यापारी वर्ग का कहना है।
#जन मन न्यूज़
Suresh Kumar Khanna
DM Shahjahanpur
Chief Minister Office Uttar Pradesh